Class XII Hindi
अभिव्यक्ति और माध्यम
पाठ 1 - जनसंचार माध्यम
पाठ 1: भक्तिन , सारांशात्मक व्याख्या भाग-2
Chapter 2: पत्र कारिता के अन्य आयाम
Chapter 6: कविता रचना प्रक्रिया
Chapter 7: नाटक की रचना प्रक्रिया
Chapter 8: अभिव्यक्ति और माध्यम
आरोह भाग 2
गद्य खण्ड
पाठ 1 - भक्तिन
पाठ 2 - बाज़ार दर्शन
- प्रश्नोत्तर     डॉ आनंद कुमार त्रिपाठी
- नोट्स     श्री अशोक कुमार
पाठ 4 : काले मेघा पानी दे
पाठ 5: सहर्ष स्वीकारा है
पाठ 6: उषा: शमशेर बहादुर सिंह (प्रश्नोत्तर)
पाठ 8: लक्ष्मण मूर्छा और राम का विलाप, आरोह भाग -2
पाठ 9: बगुलों के पंख: उमाशंकर जोशी
पाठ 8: अपठित पद्यांस ,व्याकरण
पाठ 8: कार्यालयी पत्र , व्याकरण
पाठ 9: कवितावली(कवित्त -2)
पाठ 9: फिराक गोरखपुरी (रुबाइयां)
पाठ 10: कवितावली
पाठ 10: कवितावली(सवैया)
पाठ 10: छोटा मेरा खेत , आरोह भाग 2
काव्य खण्ड
पाठ 3: पहलवान की ढोलक व अतीत में दबे पावं
पाठ 4: कैमरे में बंद अपाहिज
हरिवंश राय बच्चन
आत्मपरिचय
आलोक धन्वा - पतंग
- नोट्स    श्री अशोक कुमार
कुंवर नारायण
कविता के बहाने
शमशेर बहादुर सिंह
उषा
- विडियो पाठ     डॉ आनंद कुमार त्रिपाठी
वितान
पाठ 1: सिल्वर वेडिंग , वितान भाग-1
पाठ 2: जूझ, वितान भाग -2
पाठ 4: डायरी के पन्ने
बहुत बढ़िया प्रयास पटना संभाग द्वारा|डॉ0 आनन्द त्रिपाठी को बहुत बहुत बधाई |
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ReplyDeleteत्रिपाठी जी
उत्तम अभिव्यक्ति
हिंदी भाषा को डिजिटल माध्यम से विकसित करने हेतु साधुवाद
बहुत सुंदर प्रस्तुति.....।
ReplyDeleteपाठ को इतना सहज एवं सरल तरीक़े से विद्यार्थियों तक पहुंचाने हेतु बहुत बहुत आभार
बहुत सुंदर प्रस्तुति.....।
ReplyDeleteपाठ को इतना सहज एवं सरल तरीक़े से विद्यार्थियों तक पहुंचाने हेतु बहुत बहुत आभार
डॉ आनंद कुमार का शिक्षण अति उपयोगी और कल्याणकारी
ReplyDeleteत्रिपाठी जी को इस पवित्र और कल्याणकारी कार्य हेतु कोटिशः धन्यवाद और साधुवाद ।।।। अति उत्तम प्रस्तुति ।।।।।।
ReplyDeleteत्रिपाठी जी,
ReplyDeleteविद्यार्थियों को प्रभावित करने योग्य भाषा में शब्दों को पिरोकर सरल एवं सहज ढंग से विषय को प्रस्तुत किया गया है|मैं आपका हार्दिक अभिनंदन करता हूँ|
अति उत्तम प्रस्तुति|
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ReplyDeleteआपका प्रयास सराहनीय एवं प्रेरणास्पद।
ReplyDeleteऐसे ही सदैव विद्यार्थियो के सर्वोत्तम मार्गदर्शन हेतू मेरी शुभकामनाएं ।
पटना संभाग की कार्यकुशलता बहुत ही सराहनीय है। जिसमें डॉ. आनंद कुमार त्रिपाठी जी अध्यापन शैली ने "गागर में सागर भरने" की लोकोक्ति को चरितार्थ किया।
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